MTP (गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति) कब, क्यों की जाती,कैसे की और दीर्घकालिक प्रभाव और संभावित जटिलताएँ
MTP (गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति) कब, क्यों की जाती,कैसे की और दीर्घकालिक प्रभाव और संभावित जटिलताएँ
MTP एक सुरक्षित और कानूनी प्रक्रिया है, जिसे एक प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में किया जाना चाहिए।अधिकांश महिलाएँ इसके बाद सामान्य जीवन जी सकती हैं और भविष्य में गर्भधारण भी कर सकती हैं।लेकिन, बार-बार MTP करवाने या असुरक्षित तरीके से करवाने पर भविष्य में गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं, जैसे संक्रमण, बांझपन, समय से पहले प्रसव, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ आदि
MTP (गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति) क्या है?
MTP का पूरा नाम Medical Termination of Pregnancy है, जिसका अर्थ है गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति या गर्भपात। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गर्भावस्था को दवाओं या सर्जरी की मदद से समाप्त किया जाता है।
भारत में यह प्रक्रिया Medical Termination of Pregnancy Act, 1971 के तहत कानूनी है, जिसे 2002 और 2021 में संशोधित किया गया है। इस कानून के अनुसार, गर्भावस्था को 24 हफ्ते तक कुछ विशेष परिस्थितियों में समाप्त किया जा सकता है।
MTP कब और क्यों की जाती है?
अनचाही गर्भावस्था: किसी भी कारण से अनचाही गर्भावस्था होने पर।
महिला का स्वास्थ्य: अगर गर्भावस्था जारी रखने से महिला के स्वास्थ्य को खतरा हो।
भ्रूण संबंधी समस्या: अगर भ्रूण में कोई गंभीर विकृति या बीमारी पाई जाती है।
प्रारंभिक गर्भपात (मिसकैरेज): अगर गर्भपात अपने आप नहीं होता है, तो इसे पूरा करने के लिए भी MTP की जाती है।
MTP कैसे की जाती है?
MTP दो तरीकों से की जा सकती है:
1. दवाओं से (Medical Abortion)
इसमें मिफेप्रिस्टोन (Mifepristone) और मिसोप्रोस्टोल (Misoprostol) दवाओं का उपयोग किया जाता है। ये दवाएँ गर्भाशय में हार्मोनल परिवर्तन करके गर्भावस्था को समाप्त करती हैं।
2. सर्जरी से (Surgical Abortion)
इसमें गर्भाशय से गर्भ को शल्य चिकित्सा द्वारा निकाला जाता है।
MTP कितनी सुरक्षित है?
सामान्यतः, MTP को सुरक्षित माना जाता है, खासकर जब यह एक प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में की जाती है। अधिकांश महिलाएँ इस प्रक्रिया के बाद सामान्य जीवन जी सकती हैं और भविष्य में गर्भधारण भी कर सकती हैं।
लेकिन, किसी भी चिकित्सा प्रक्रिया की तरह, इसमें कुछ जोखिम और दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
MTP के अल्पकालिक दुष्प्रभाव
पेट दर्द या ऐंठन
मतली और उल्टी
दस्त
चक्कर आना
गर्भाशय में संकुचन
श्रोणि (Pelvic) दर्द
कंपकंपी या बुखार
भारी या लंबे समय तक योनि से रक्तस्राव
अधिकांश दुष्प्रभाव कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकते हैं और अपने आप ठीक हो जाते हैं। अगर लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
MTP के दीर्घकालिक प्रभाव और संभावित जटिलताएँ
1. संक्रमण (Infection)
MTP के बाद संक्रमण होने का खतरा रहता है, खासकर अगर प्रक्रिया अस्वच्छ परिस्थितियों में की गई हो या महिला को पहले से कोई संक्रमण हो। संक्रमण से पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID) हो सकती है, जो बाद में बांझपन (Infertility) का कारण बन सकती है।
2. बांझपन (Infertility)
एक बार की सुरक्षित और सही तरीके से की गई MTP से भविष्य में बांझपन का खतरा बहुत कम होता है। लेकिन, बार-बार MTP करवाने या संक्रमण होने से गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुँच सकता है, जिससे बांझपन हो सकता है।
3. गर्भाशय में निशान (Uterine Scarring)
सर्जिकल MTP में गर्भाशय की दीवार पर निशान पड़ सकते हैं, जिसे अशरमैन सिंड्रोम कहते हैं। यह भविष्य में गर्भधारण में समस्या या गर्भपात का कारण बन सकता है।
4. गर्भाशय छिद्र (Uterine Perforation)
सर्जिकल MTP में बहुत ही कम मामलों में गर्भाशय में छेद हो सकता है, जिससे गंभीर रक्तस्राव हो सकता है।
5. गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) को नुकसान
सर्जिकल MTP में गर्भाशय ग्रीवा को खींचने या फैलाने से नुकसान पहुँच सकता है, जिससे भविष्य में समय से पहले प्रसव (Preterm Birth) या गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
6. भविष्य में समय से पहले प्रसव (Preterm Birth)
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि एक बार MTP करवाने से भविष्य में समय से पहले प्रसव का खतरा 25-27% बढ़ जाता है। दो या अधिक बार MTP करवाने से यह खतरा 51-62% तक बढ़ सकता है।
7. स्तन कैंसर का खतरा
कुछ अध्ययनों में यह भी बताया गया है कि MTP करवाने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर अगर पहली गर्भावस्था में MTP की गई हो। हालांकि, इस पर अभी भी विवाद है और अधिकांश चिकित्सक मानते हैं कि यह जोखिम बहुत कम है।
8. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
MTP के बाद कुछ महिलाएँ दुःख, अफसोस, डिप्रेशन, चिंता, अपराधबोध, या शर्म महसूस कर सकती हैं। कुछ महिलाओं को पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
9. यौन स्वास्थ्य पर प्रभाव
कुछ महिलाओं को MTP के बाद योनि में सूखापन, यौन इच्छा में कमी, संभोग के दौरान दर्द जैसी समस्याएँ हो सकती हैं5।
MTP के बाद सावधानियाँ और देखभाल
आराम: MTP के बाद कम से कम एक सप्ताह तक भारी काम न करें।
संक्रमण से बचाव: साफ-सफाई का ध्यान रखें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएँ समय पर लें।
फॉलो-अप: MTP के बाद डॉक्टर से जांच करवाएँ, ताकि कोई जटिलता न हो।
परिवार नियोजन: भविष्य में अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए परिवार नियोजन के तरीकों पर चर्चा करें।
मानसिक स्वास्थ्य: अगर आप दुःख, चिंता या डिप्रेशन महसूस कर रही हैं, तो किसी काउंसलर या डॉक्टर से बात करेंI
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