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आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी की पूरी जानकारी

 आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी



आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में तकनीकी प्रगति के चलते अब आँखों के चश्मे से स्थायी रूप से छुटकारा पाया जा सकता है। आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी को मुख्य रूप से रिफ्रैक्टिव सर्जरी कहा जाता है, जिसका उद्देश्य आँखों की अपवर्तक त्रुटियों (refractive errors) जैसे निकट दृष्टि दोष (myopia), दूर दृष्टि दोष (hyperopia) और दृष्टि की अस्पष्टता (astigmatism) को ठीक करना है। इस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति बिना चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस के भी स्पष्ट रूप से देख सकता है।



चश्मा हटाने की प्रमुख सर्जिकल विधियाँ

आँखों के चश्मे हटाने के लिए विभिन्न सर्जिकल विधियाँ उपलब्ध हैं। इनमें से सबसे सामान्य और लोकप्रिय विधियाँ हैं:



1. लेसिक सर्जरी (LASIK - Laser-Assisted in Situ Keratomileusis):

लेसिक सर्जरी सबसे अधिक प्रचलित और सफल विधि है। यह एक लेज़र तकनीक पर आधारित प्रक्रिया है जिसमें कॉर्निया (आँख की सतह) को पुनः आकार दिया जाता है ताकि आँख के अंदर प्रकाश सही रूप से अपवर्तित हो और व्यक्ति स्पष्ट रूप से देख सके।

प्रक्रिया:

  • सबसे पहले एक माइक्रोकेराटोम नामक यंत्र की मदद से कॉर्निया की एक पतली फ्लैप बनाई जाती है।
  • इसके बाद एक्साइमर लेज़र का उपयोग करके कॉर्निया की आंतरिक परतों को समतल किया जाता है।
  • फ्लैप को वापस अपनी जगह पर रखा जाता है और यह बिना किसी सिलाई के स्वतः ठीक हो जाती है।

लाभ:

  • सर्जरी दर्दरहित होती है और कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है।
  • रिकवरी समय कम होता है, और अधिकतर लोग अगले दिन से सामान्य कार्यों में लौट सकते हैं।
  • परिणाम स्थायी होते हैं और दृष्टि में तुरंत सुधार देखा जा सकता है।

साइड इफेक्ट्स:

  • कुछ मामलों में ड्राई आई (आँखों का सूखना) और हल्की चकाचौंध की समस्या हो सकती है।
  • रात के समय देखने में हल्की दिक्कत हो सकती है, जैसे कि प्रकाश के चारों ओर हल्का घेरा दिखाई देना।

2. पीआरके सर्जरी (PRK - Photorefractive Keratectomy):

यह लेसिक से पुरानी तकनीक है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह अधिक उपयुक्त हो सकती है, खासकर जिनकी कॉर्निया पतली होती है। इस विधि में कॉर्निया की सबसे बाहरी परत को हटाकर एक्साइमर लेज़र द्वारा पुनः आकार दिया जाता है।

प्रक्रिया:

  • कॉर्निया की एपिथीलियम (बाहरी परत) को हटाया जाता है।
  • लेज़र का उपयोग करके कॉर्निया की सतह को समतल किया जाता है।
  • एपिथीलियम स्वतः पुनः उग आता है, लेकिन इसके लिए कुछ दिनों का समय लगता है।

लाभ:

  • जिन लोगों की कॉर्निया पतली होती है, उनके लिए यह अधिक सुरक्षित है।
  • लेसिक के मुकाबले सर्जरी सरल होती है।

साइड इफेक्ट्स:

  • ठीक होने में समय लगता है, और कुछ हफ्तों तक धुंधला दिख सकता है।
  • दर्द और असुविधा लेसिक से अधिक हो सकती है।

3. स्माइल सर्जरी (SMILE - Small Incision Lenticule Extraction):

यह नवीनतम लेज़र सर्जरी तकनीकों में से एक है और इसमें कम चीरे की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया लेसिक से भी कम इनवेसिव होती है और रिकवरी तेज होती है।

प्रक्रिया:

  • इस प्रक्रिया में फेम्टोसेकंड लेज़र का उपयोग करके कॉर्निया के अंदर से एक छोटी लेंस-आकार की डिस्क (लेंटीक्यूल) निकाली जाती है।
  • यह कॉर्निया को पुनः आकार देने में मदद करती है और चश्मे की आवश्यकता को कम करती है।

लाभ:

  • कम चीरे की वजह से रिकवरी तेज होती है।
  • सूखी आँखों की समस्या की संभावना कम होती है।

साइड इफेक्ट्स:

  • इस सर्जरी का मुख्य साइड इफेक्ट यह है कि यह अपेक्षाकृत नई है, इसलिए लंबे समय के परिणामों के बारे में सीमित जानकारी उपलब्ध है।

4. फेकिक इंट्राओकुलर लेंस (Phakic Intraocular Lens - IOL) इंप्लांट्स:

जब किसी व्यक्ति की दृष्टि बहुत खराब होती है और वह लेसिक या पीआरके के लिए उपयुक्त नहीं होता, तो फेकिक इंट्राओकुलर लेंस एक विकल्प हो सकता है। इसमें प्राकृतिक लेंस को हटाए बिना एक अतिरिक्त कृत्रिम लेंस लगाया जाता है।

प्रक्रिया:

  • सर्जन आँख के अंदर एक कृत्रिम लेंस इंप्लांट करता है जो कॉर्निया के सामने या प्राकृतिक लेंस के पीछे रखा जाता है।
  • यह प्रक्रिया अपवर्तक त्रुटियों को ठीक करने में मदद करती है और व्यक्ति स्पष्ट रूप से देख सकता है।

लाभ:

  • यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी दृष्टि बहुत अधिक खराब होती है।
  • लेंस को हटाया या बदला भी जा सकता है।

साइड इफेक्ट्स:

  • संक्रमण का जोखिम होता है।
  • लेंस के स्थानांतरित होने की संभावना हो सकती है।

किसे ये सर्जरी करानी चाहिए?

आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी के लिए हर व्यक्ति उपयुक्त नहीं होता। कुछ शर्तें हैं जो सर्जरी कराने से पहले पूरी करनी होती हैं:

  • आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और आपकी दृष्टि पिछले एक वर्ष से स्थिर होनी चाहिए।
  • आपकी आँखों की स्थिति सामान्य होनी चाहिए, जैसे कि आपको कोई गंभीर नेत्र रोग न हो।
  • यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवा रही हैं, तो सर्जरी स्थगित की जा सकती है।
  • यदि आपको ड्राई आई की गंभीर समस्या है, तो यह सर्जरी आपके लिए उपयुक्त नहीं हो सकती।

सर्जरी के बाद देखभाल:

  • सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा दी गई निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है।
  • आँखों को साफ और सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण होता है।
  • कुछ दिनों तक आँखों को पानी से बचाना और धूल से दूर रखना चाहिए।
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए आई ड्रॉप्स का नियमित उपयोग करें ताकि आँखों में संक्रमण न हो।
  • कुछ हफ्तों तक भारी कार्यों से बचें और आँखों को आराम दें।

आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी एक प्रभावी और सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन इसके लिए सही जानकारी और योग्य नेत्र विशेषज्ञ का चुनाव बेहद जरूरी है। सर्जरी के परिणाम स्थायी होते हैं और यह जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकती है। हालाँकि, किसी भी प्रकार की सर्जरी की तरह, इसमें भी जोखिम होते हैं, इसलिए सर्जरी से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना अनिवार्य है।

महत्वपूर्ण: सर्जरी के बारे में कोई निर्णय लेने से पहले, अपने नेत्र चिकित्सक से परामर्श करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह प्रक्रिया आपके लिए सुरक्षित और उपयुक्त हैं 

खर्चा कितना आता है आँखों के चश्मे हटाने का

है आंखों का चश्मा हटाने की विभिन्न प्रक्रिया होने के कारण उसका खर्च उसकी उसकी प्रक्रिया पर निर्भर करता है कि आप कौन सी प्रक्रिया से आपका आंखों का चश्मा हटाना चाहते हैं नीचे दिए गए विभिन्न प्रक्रियाओं का खर्च अलग-अलग है। 

Lesser

Contoura Vision - 95,000

SMILE-90,000

Bladeless Femto LASIK - 85,000


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