पैंक्रियाटाइटिस: कारण, लक्षण और उपचार
पैंक्रियाटाइटिस अग्न्याशय (पैंक्रियाज) की सूजन को कहते हैं, जो पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के पाचन में मदद करने वाले एंजाइम्स का उत्पादन करता है। साथ ही, यह इंसुलिन और ग्लूकागन जैसे हार्मोन्स बनाता है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करते हैं। पैंक्रियाटाइटिस दो प्रकार का होता है: एक्यूट (अचानक और अल्पकालिक) और क्रॉनिक (दीर्घकालिक और प्रगतिशील)।
पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख कारण
1. पित्ताशय की पथरी (Gallstones):
40-70% एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के मामलों में पित्ताशय की पथरी मुख्य कारण होती है। यह पैंक्रियाटिक डक्ट को अवरुद्ध करती है, जिससे पाचक एंजाइम्स अग्न्याशय में ही सक्रिय होकर ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं।
2. शराब का अत्यधिक सेवन:
लंबे समय तक शराब पीने से अग्न्याशय की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं, जो क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का प्रमुख कारण है। हफ्ते में 4-5 ड्रिंक्स भी जोखिम बढ़ा सकती हैं।
3. हाई ट्राइग्लिसराइड्स:
रक्त में वसा का स्तर 500 mg/dL से अधिक होने पर अग्न्याशय की रक्त वाहिकाओं में अवरोध उत्पन्न हो सकता है56।
4. आनुवांशिक कारक:
वंशानुगत कारणों (जैसे PRSS1 जीन म्यूटेशन) से भी पैंक्रियाटाइटिस हो सकता है।
5. ऑटोइम्यून विकार:
कुछ मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय पर हमला करती है।
6. अन्य कारण:
पेट की चोट या सर्जरी5।
कुछ दवाएं (स्टेरॉयड्स, एंटीबायोटिक्स)।
संक्रमण (जैसे मम्प्स)।
पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण
एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस:
तीव्र पेट दर्द जो पीठ तक फैलता है।
मतली, उल्टी और पसीना आना।
बुखार और हृदय गति का तेज होना।
पीलिया (यदि पित्त नली अवरुद्ध हो)।
क्रॉनिक पैंक्रियाइटिस:
लगातार पेट दर्द जो खाने के बाद बढ़ता है।
स्टीटोरिया (चिकना और दुर्गंधयुक्त मल) वसा के अवशोषण में कमी के कारण।
डायबिटीज अग्न्याशय के इंसुलिन-उत्पादक कोशिकाओं के नष्ट होने से।
वजन घटना और कुपोषण।
निदान के तरीके
रक्त परीक्षण: एमाइलेज और लाइपेज एंजाइम्स के स्तर की जांच।
इमेजिंग:
अल्ट्रासाउंड (पित्त पथरी का पता लगाने के लिए)।
सीटी स्कैन या एमआरआई (अग्न्याशय की सूजन और क्षति का आकलन)।
एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (EUS) या MRCP (क्रॉनिक मामलों में)।
उपचार के विकल्प
एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस:
उपवास और IV फ्लूइड्स: अग्न्याशय को आराम देने के लिए।
दर्द निवारक (मॉर्फिन जैसी दवाएं)।
एंटीबायोटिक्स यदि संक्रमण हो।
ERCP: पित्त पथरी को हटाने के लिए।
क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस:
पैंक्रियाटिक एंजाइम सप्लीमेंट्स (भोजन के साथ)।
इंसुलिन थेरेपी (डायबिटीज के लिए)।
सर्जरी: अवरुद्ध डक्ट्स को खोलने या अग्न्याशय के क्षतिग्रस्त हिस्से को निकालने के लिए।
सेलिअक प्लेक्सस ब्लॉक: दर्द प्रबंधन के लिए।
आयुर्वेदिक प्रबंधन
आहार संयम: मसालेदार और तैलीय भोजन से परहेज, हल्दी और अदरक का सेवन।
नींद का पैटर्न: रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सोना1।
योग और प्राणायाम: पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए1।
जटिलताएं
झूठी सिस्ट (Fluid Collections)।
संक्रमण और सेप्सिस।
पैंक्रियाटिक कैंसर (क्रॉनिक मामलों में)।
रोकथाम के उपाय
शराब का सेवन सीमित करें या बंद करें।
संतुलित आहार: कम वसा और उच्च फाइबर युक्।
नियमित व्यायाम: वजन और ट्राइग्लिसराइड्स नियंत्रित करने के लिए।
भारत में प्रचलित उपचार केंद्र
इंटरनेशनल पेन सेंटर, दिल्ली (डॉ. अमोद मनोचा)।
मैक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत (डॉ. विकास सिंगला)।
डीजीओसी, पश्चिम पटेल नगर (क्रॉनिक मामलों के लिए विशेषज्ञ)।
निष्कर्ष
पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर स्थिति है, लेकिन समय पर निदान और उचित उपचार से जटिलताओं को रोका जा सकता है। आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आपको लगातार पेट दर्द, पाचन संबंधी समस्याएं या वजन घटना जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से परामर्श करें
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