डिहाइड्रेशन के प्रमुख 5 कारण और डिहाइड्रेशन से बचाव के 5 उपाय
मानव शरीर का लगभग 60% हिस्सा पानी होता है और यह शरीर की सभी प्रमुख क्रियाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब शरीर को आवश्यक मात्रा में पानी नहीं मिलता या शरीर से अत्यधिक पानी बाहर निकल जाता है, तो यह स्थिति "डिहाइड्रेशन" या "निर्जलीकरण" कहलाती है। यह स्थिति हल्की से लेकर गंभीर रूप तक हो सकती है और यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इस लेख में हम डिहाइड्रेशन के कारणों, लक्षणों, परिणामों और इससे बचाव तथा उपचार के उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
डिहाइड्रेशन के प्रमुख 5 कारण
1. पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
बहुत से लोग दिन भर की व्यस्तता के कारण पानी पीना भूल जाते हैं या प्यास लगने पर ही पानी पीते हैं। यह आदत धीरे-धीरे शरीर में पानी की कमी का कारण बन सकती है।
समाधान:
दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें।
मोबाइल रिमाइंडर या ऐप्स की मदद से नियमित अंतराल पर पानी पीने की याद दिलाएं।
सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी पिएं।
2. अत्यधिक पसीना आना
गर्मियों में या किसी भारी शारीरिक गतिविधि के दौरान शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता है जिससे पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है।
समाधान:
धूप में बाहर निकलते समय टोपी, छाता या स्कार्फ का प्रयोग करें।
व्यायाम के दौरान इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय (जैसे ORS, नींबू पानी, नारियल पानी) लें।
हल्के रंग के और सूती कपड़े पहनें जिससे शरीर को राहत मिले।
3. डायरिया और उल्टी
बार-बार दस्त और उल्टी होने से शरीर से अत्यधिक मात्रा में पानी और नमक बाहर निकल जाता है जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। यह बच्चों और बुजुर्गों में विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।
समाधान:
ओआरएस (ORS) घोल का सेवन करें।
दस्त रुकने तक ठोस आहार से बचें और तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं।
डॉक्टर से परामर्श लें यदि स्थिति 24 घंटे से अधिक बनी रहे।
4. बुखार
बुखार के समय शरीर का तापमान बढ़ता है और शरीर अधिक पसीना निकालता है जिससे पानी की कमी हो जाती है।
समाधान:
पानी, नारियल पानी, नींबू पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं।
शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए ठंडी पट्टी या गीले कपड़े से शरीर को पोंछें।
बुखार लंबे समय तक बने रहने पर चिकित्सकीय परामर्श लें।
5. बार-बार पेशाब आना
मधुमेह (डायबिटीज), मूत्राशय की समस्याएं, या मूत्रवर्धक दवाएं लेने से बार-बार पेशाब आता है जिससे शरीर से पानी बाहर निकलता है।
समाधान:
डॉक्टर से जांच कराएं और आवश्यक दवाएं लें।
अधिक पानी पिएं लेकिन अत्यधिक कैफीन या शराब से बचें।
इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स का सेवन करें।
6. जलन या जलने की स्थिति
त्वचा के जलने या कटने से शरीर का द्रव बाहर निकल सकता है जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
समाधान:
जले हुए स्थान को ठंडे पानी से साफ करें और तुरंत मेडिकल सहायता लें।
तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें।
यदि स्थिति गंभीर हो तो अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक हो सकता है।
7. बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन
बुजुर्गों में प्यास की अनुभूति कम हो जाती है और उनकी किडनी भी सही तरीके से कार्य नहीं करती जिससे पानी की कमी जल्दी हो जाती है।
समाधान:
बुजुर्गों को समय-समय पर पानी या तरल पदार्थ देने की आदत डालें।
डॉक्टर की सलाह से हेल्दी इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय दें।
उन्हें कैफीन या अल्कोहल से दूर रखें।
8. बच्चों में डिहाइड्रेशन
बच्चों में डायरिया, उल्टी और बुखार की समस्या जल्दी हो जाती है जिससे वे जल्दी डिहाइड्रेट हो सकते हैं।
समाधान:
ORS घोल दें।
ठोस आहार से बचें और द्रव पदार्थ दें।
गंभीर स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डिहाइड्रेशन के लक्षण
अत्यधिक प्यास लगना
मुंह और जीभ का सूखना
पेशाब का रंग गाढ़ा होना
चक्कर आना या थकान महसूस होना
शुष्क और ठंडी त्वचा
आंखों का धंस जाना
सिरदर्द
मूड में चिड़चिड़ापन
यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो यह गंभीर डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता
डिहाइड्रेशन से बचाव के 5 उपाय
नियमित रूप से पानी पीते रहें चाहे प्यास लगे या नहीं।
गर्मियों में हल्के भोजन का सेवन करें जो पानी की मात्रा में भरपूर हो जैसे खीरा, तरबूज, ककड़ी आदि।
शराब और कैफीन युक्त पेयों से बचें क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को बढ़ाते हैं।
यात्रा करते समय अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें।
बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
पुनर्जलीकरण (Rehydration) के तरीके
1. ORS (ओआरएस) घोल
यह विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाया गया तरीका है जिसमें नमक और ग्लूकोज का संतुलन होता है जो शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को पुनः स्थापित करता है।
बनाने की विधि:
एक लीटर उबले हुए ठंडे पानी में WHO ORS पैकेट का पूरा पाउडर मिलाएं।
धीरे-धीरे घोल को पीएं।
2. नारियल पानी
यह एक प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय है जो शरीर को जल्दी हाइड्रेट करता है। इसमें पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्व होते हैं।
3. नींबू पानी
नींबू पानी में थोड़ा नमक और शहद मिलाकर पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस भी सुधरता है।
4. फलों का रस
तरबूज, संतरा, मौसमी जैसे फलों का रस शरीर को ठंडक देने और हाइड्रेट करने में मदद करता है।
5. सूप और दाल का पानी
ये भी शरीर को तरल पदार्थ प्रदान करते हैं और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
6. जलजीरा और छाछ
ये पारंपरिक भारतीय पेय हैं जो गर्मियों में हाइड्रेशन बनाए रखने में सहायक होते हैं।
डिहाइड्रेशन एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है यदि इसे अनदेखा किया जाए। यह शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली को बाधित कर सकता है और अत्यधिक मामलों में अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ सकती है। समय पर लक्षणों को पहचानना और उचित उपाय करना आवश्यक है। नियमित रूप से पानी पीने, संतुलित आहार लेने और गर्मियों में सतर्क रहने से डिहाइड्रेशन से आसानी से बचा जा सकता है।
हर आयु वर्ग को इस विषय की जानकारी होनी चाहिए ताकि समय पर सावधानी बरती जा सके और गंभीर परिणामों से बचा जा सके।
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