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कुत्ता काटने के बाद क्या करें?

 कुत्ता काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन (Rabies Vaccine) लगवाना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह रेबीज वायरस से सुरक्षा प्रदान करती है। इस लेख में हम कुत्ता काटने के बाद डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन शेड्यूल, उसके महत्व, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पर चर्चा करेंगे।

कुत्ता काटने के बाद क्या करें?,रेबीज कब लेनी चाहिए,कौनसे प्राणियों से रेबीज हो सकती हैं, कुता क्यों रेबीज का कारण बन सकता हैं


कुत्ता काटने के बाद क्या करें?

  1. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: कुत्ता काटने के तुरंत बाद आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप समय पर वैक्सीन लगवा सकें।

  2. घाव की सफाई: काटने के स्थान को तुरंत साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। यह संक्रमण के खतरे को कम करता है।

एंटी रेबीज वैक्सीनेशन शेड्यूल

कुत्ता काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन का शेड्यूल इस प्रकार है:

  • पहला टीका: कुत्ता काटने के दिन (Day 0)

  • दूसरा टीका: पहले टीके के 7वें दिन (Day 7)

  • तीसरा टीका: पहले टीके के 14वें दिन (Day 14)

  • चौथा टीका: पहले टीके के 28वें दिन (Day 28)

  • पाँचवा टीका: पहले टीके के 30वें दिन (Day 30)

  • छठा टीका: पहले टीके के 3 महीने बाद (3 Months)

यदि आप पहले टीके को लगवाने में 72 घंटे से अधिक समय लेते हैं, तो यह प्रभावी नहीं होगा और आपको फिर से वैक्सीनेशन की आवश्यकता हो सकती है.

वैक्सीनेशन का महत्व

  • रेबीज का खतरा: रेबीज एक घातक बीमारी है, जो संक्रमित जानवरों के काटने से फैलती है। यदि समय पर वैक्सीन नहीं लगाई गई, तो यह जानलेवा हो सकती है।

  • पालतू जानवरों का टीकाकरण: यदि पालतू जानवर को वैक्सीन लगी हुई है, तब भी आपको वैक्सीन लेनी चाहिए क्योंकि कभी-कभी बूस्टर डोज की कमी से वायरस सक्रिय हो सकता है

विशेष स्थितियाँ

  1. यदि पहले से वैक्सीनेटेड हैं: यदि आपने पहले एंटी रेबीज वैक्सीन ली हुई है, तो आपको केवल दो बूस्टर डोज (Day 0 और Day 3) की आवश्यकता होगी।

  2. स्क्रैच होने पर भी वैक्सीन लें: केवल काटने पर ही नहीं, बल्कि हल्की खरोंच या कट लगने पर भी आपको वैक्सीन लेनी चाहिए


कुत्ता काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीनेशन एक आवश्यक प्रक्रिया है जो आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है। समय पर वैक्सीन लगवाना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है। हमेशा याद रखें कि स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।



एक गंभीर और घातक बीमारी है, जो संक्रमित जानवरों की लार से फैलती है। कुत्ते, बिल्ली, बंदर या अन्य जानवरों के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है। इस लेख में हम रेबीज वैक्सीन के महत्व, शेड्यूल, और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से प्रस्तुत करेंगे।

रेबीज क्या है?

रेबीज एक वायरल बीमारी है, जो लिसावायरस फैमिली के वायरस से होती है। यह आमतौर पर संक्रमित जानवरों के काटने से फैलती है। वायरस नर्वस सिस्टम पर हमला करता है और मस्तिष्क तक पहुंचकर गंभीर लक्षण उत्पन्न करता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है.

रेबीज के लक्षण

  • बुखार और सिरदर्द

  • बेचैनी और घबराहट

  • मुंह से लार आना

  • निगलने में कठिनाई

  • दिमागी संतुलन खोना

रेबीज वैक्सीन कब लगवानी चाहिए?

जानवर के काटने के बाद

कुत्ते या अन्य जानवर के काटने के तुरंत बाद डॉक्टर से संपर्क करें और एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं। पहला इंजेक्शन 24 से 72 घंटे के भीतर लगाना अत्यंत आवश्यक है। इसके बाद टीके का पूरा कोर्स लेना चाहिए.

प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस

जो लोग पालतू जानवरों के संपर्क में रहते हैं, जैसे पशु चिकित्सक या रिसर्च लैब में काम करने वाले लोग, उन्हें पहले से ही रेबीज वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है। इससे भविष्य में जोखिम कम हो जाता है


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