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प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिये ये 7 फल खाये

प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिये  ये 7 फल खाये 

 प्लेटलेट्स की संख्या कम होने को मेडिकल भाषा में "थ्रोम्बोसाइटोपेनिया" कहा जाता है। यह स्थिति शरीर में कई समस्याओं को जन्म दे सकती है, खासकर अगर प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाए। प्लेटलेट्स रक्त में छोटे कोशिकाएं होती हैं जो खून को जमने में मदद करती हैं, जिससे चोट लगने पर खून बहना रुकता है। अगर प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है, तो व्यक्ति को चोट लगने पर अधिक खून बहने का खतरा होता है।

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प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के उपाय:

  1. पपीता और पपीते के पत्ते का रस: पपीते में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन C होते हैं, जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  2. अनार: अनार में आयरन और विटामिन होते हैं, जो प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
  3. खजूर और किशमिश: ये ड्राई फ्रूट्स आयरन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जो प्लेटलेट्स की संख्या को सुधारने में मदद करते हैं।
  4. ग्रीन वेजीटेबल्स: हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन K और फॉलिक एसिड होते हैं, जो रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होते हैं।
  5. बीट रूट (चुकंदर): चुकंदर प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में सहायक हो सकता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन होते हैं।
  6. गिलोय: आयुर्वेद में गिलोय को प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। इसका रस प्लेटलेट्स को सुधारने में मदद करता है।
  7. नारियल पानी: नारियल पानी शरीर को हाइड्रेट करता है और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकता है।

प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण:

  1. त्वचा पर चकत्ते (पेटीचिया): त्वचा पर छोटे-छोटे लाल धब्बे आ सकते हैं।
  2. अत्यधिक खून बहना: चोट लगने पर खून जल्दी नहीं रुकता।
  3. मसूड़ों और नाक से खून आना: प्लेटलेट्स की कमी होने पर मसूड़ों और नाक से खून बह सकता है।
  4. थकान: लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना।
  5. मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव: महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान ज्यादा खून बहना।

प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के कारण:

  1. वायरल इन्फेक्शन: डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियां प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकती हैं।
  2. विटामिन की कमी: विटामिन B12 और फॉलिक एसिड की कमी से भी प्लेटलेट्स की संख्या घट सकती है।
  3. मेडिकल स्थितियां: लिवर की बीमारियां, बोन मैरो के डिसऑर्डर और कैंसर जैसी स्थितियां भी प्लेटलेट्स की कमी का कारण हो सकती हैं।
  4. मेडिकेशन: कुछ दवाइयों का सेवन जैसे एंटीबायोटिक्स या कीमोथेरेपी, प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकते हैं।
  5. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर: इम्यून सिस्टम खुद के प्लेटलेट्स को नष्ट करने लगता है, जैसे कि इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पर्पुरा (ITP) में होता है।
  6. अल्कोहल का अत्यधिक सेवन: अत्यधिक शराब का सेवन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है और प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकता है।

डॉक्टर से कब मिलें:

  1. अगर प्लेटलेट्स की संख्या 50,000 से कम हो जाए।
  2. चोट लगने पर अत्यधिक खून बह रहा हो।
  3. बार-बार नाक से खून आ रहा हो।
  4. त्वचा पर चकत्ते बन रहे हों।

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया को जल्दी पहचाना और इलाज किया जाना चाहिए। उचित खान-पान और डॉक्टर की सलाह से प्लेटलेट्स की संख्या को सामान्य बनाए रखा जा सकता ह

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