सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

वर्कआउट के बाद आप ये खा सकते हैं, पूरी जनकारी

 Gym करने के बाद शरीर को सही पोषण की जरूरत होती है ताकि मांसपेशियों की मरम्मत हो सके और ऊर्जा की भरपाई हो। वर्कआउट के बाद आप प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार का सेवन कर सकते हैं। प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत के लिए आवश्यक होता है, इसके लिए आप अंडे, चिकन, फिश, दही या प्रोटीन शेक जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही शरीर को ऊर्जा देने के लिए धीमे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी जरूरी होता है, जैसे कि ओट्स, ब्राउन राइस, शकरकंद, या फल। इसके अलावा, स्वस्थ वसा के स्रोत जैसे बादाम, अखरोट, और अलसी के बीज भी आहार में शामिल कर सकते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। जिम के बाद हाइड्रेशन भी महत्वपूर्ण है, इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं या नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स वाले पेय का सेवन करें। यह संतुलित आहार आपकी मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करेगा और आपको दिनभर एनर्जेटिक बनाए रखेगा। 

वर्कआउट के तुरंत बाद खाना खाने से क्या होता है? , जिम में बॉडी कितने दिन में बनती है?  ,वर्कआउट के बाद कौन सा फल खाना चाहिए? , वर्कआउट के बाद सुबह के नाश्ते में क्या खाना चाहिए?


वर्कआउट के बाद आप ये  खा सकते हैं:

1. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ

प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शरीर की मांसपेशियों की मरम्मत और विकास के लिए आवश्यक होते हैं, और ये शरीर के लिए ऊर्जा प्रदान करने, कोशिकाओं की मरम्मत करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं

 

1. अंडे (Eggs)

प्रोटीन की मात्रा: एक बड़े अंडे में लगभग 6-7 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: अंडे को प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, जो शरीर की जरूरत को पूरा करते हैं। अंडे का सफेद भाग लगभग शुद्ध प्रोटीन होता है, जबकि जर्दी में विटामिन, मिनरल्स और हेल्दी फैट होते हैं।
कैसे खाएं: उबले हुए अंडे, आमलेट, अंडा सैंडविच आदि रूप में खा सकते हैं।

2. चिकन (Chicken)

प्रोटीन की मात्रा: 100 ग्राम चिकन ब्रेस्ट में लगभग 31 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: चिकन कम फैट और उच्च प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। यह मांसपेशियों के विकास में मदद करता है और थकावट को कम करता है। इसमें विटामिन बी और सेलेनियम भी होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को समर्थन देते हैं।
कैसे खाएं: ग्रिल्ड, बॉयल्ड, रोस्टेड या तंदूरी चिकन खा सकते हैं। ध्यान रखें कि अधिक तेल और मसालों का प्रयोग न करें।

3. दही (Yogurt)

प्रोटीन की मात्रा: 100 ग्राम ग्रीक योगर्ट में लगभग 10 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: दही एक आसान और स्वादिष्ट प्रोटीन स्रोत है, जिसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होते हैं। ग्रीक योगर्ट में सामान्य दही की तुलना में दोगुना प्रोटीन होता है और यह मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करता है।
कैसे खाएं: आप इसे सीधे खा सकते हैं या फल, शहद, और ओट्स के साथ मिलाकर खा सकते हैं।

4. फिश (Fish)

प्रोटीन की मात्रा: 100 ग्राम सैल्मन मछली में लगभग 20-25 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: फिश, खासकर सैल्मन, ट्यूना और मैकेरल में प्रोटीन के साथ-साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। यह मांसपेशियों की मरम्मत के साथ-साथ संपूर्ण शरीर की स्वस्थ कार्यक्षमता में मदद करती है।
कैसे खाएं: ग्रिल्ड, रोस्टेड या बॉयल्ड फिश खा सकते हैं। ट्यूना सैंडविच या फिश करी भी अच्छी विकल्प हैं।

5. पनीर (Cottage Cheese)

प्रोटीन की मात्रा: 100 ग्राम पनीर में लगभग 11 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: पनीर में धीमी गति से अवशोषित होने वाला कैसिन प्रोटीन होता है, जो लंबे समय तक शरीर में प्रोटीन की उपलब्धता बनाए रखता है। यह मांसपेशियों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, खासकर रात के समय।
कैसे खाएं: इसे सलाद, सैंडविच, या सूप में डाल सकते हैं, या सीधे नाश्ते के रूप में खा सकते हैं।


6. दालें और बीन्स (Lentils and Beans)

प्रोटीन की मात्रा: 100 ग्राम मसूर दाल में लगभग 9 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: दालें और बीन्स न केवल प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं, बल्कि इनमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है, जो पाचन क्रिया में सुधार करता है। शाकाहारियों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।
कैसे खाएं: दाल के रूप में, सूप या सलाद में मिलाकर खा सकते हैं।

7. मेवे और बीज (Nuts and Seeds)

प्रोटीन की मात्रा: 28 ग्राम बादाम में लगभग 6 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: बादाम, अखरोट, चिया बीज, अलसी के बीज जैसे मेवे और बीजों में प्रोटीन के साथ-साथ स्वस्थ वसा और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो दिल के स्वास्थ्य और मस्तिष्क के लिए लाभकारी होते हैं।
कैसे खाएं: स्नैक्स के रूप में, सलाद के साथ, या स्मूदी में डाल सकते हैं।

8. टोफू (Tofu)

प्रोटीन की मात्रा: 100 ग्राम टोफू में लगभग 8-10 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: टोफू सोया से बना होता है, जो शाकाहारियों और वेगन्स के लिए एक बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है। यह कैल्शियम और आयरन से भी समृद्ध होता है, जो हड्डियों और रक्त के लिए फायदेमंद होते हैं।
कैसे खाएं: इसे सलाद में, स्टर-फ्राई के रूप में, या सूप में डाल सकते हैं।

9. क्विनोआ (Quinoa)

प्रोटीन की मात्रा: 100 ग्राम क्विनोआ में लगभग 4-5 ग्राम प्रोटीन होता है।
लाभ: क्विनोआ एक सम्पूर्ण प्रोटीन स्रोत है, जिसका अर्थ है कि इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। यह विशेष रूप से शाकाहारियों के लिए एक पौष्टिक विकल्प है और ग्लूटेन-फ्री होता है।
कैसे खाएं: इसे चावल की जगह उपयोग कर सकते हैं, सलाद या साइड डिश के रूप में खा सकते हैं।

10. प्रोटीन पाउडर (Protein Powder)

प्रोटीन की मात्रा: 1 स्कूप में लगभग 20-25 ग्राम प्रोटीन हो सकता है।
लाभ: प्रोटीन पाउडर, खासकर वे प्रोटीन, मांसपेशियों की रिकवरी और निर्माण के लिए बेहद प्रभावी होता है। यह जिम के बाद तुरंत प्रोटीन की कमी को पूरा करता है।
कैसे खाएं: आप इसे दूध या पानी में मिलाकर शेक के रूप में पी सकते हैं, या स्मूदी में डाल सकते हैं।

  
2. कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ:

ब्राउन राइस या क्विनोआ: धीमी गति से अवशोषित होने वाले कार्ब्स, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं।
ओट्स: फाइबर और कार्ब्स का अच्छा स्रोत है।
शकरकंद: हेल्दी कार्ब्स और विटामिन से भरपूर।
फ्रूट्स: केले, सेब, बेरीज़ जैसे फल, जो प्राकृतिक शर्करा और फाइबर से भरपूर होते हैं।


3. फैट्स (संतुलित मात्रा में):

मेवे: बादाम, अखरोट।
अवोकाडो: स्वस्थ वसा का अच्छा स्रोत।
अलसी के बीज: ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर।

इन सभी खाद्य पदार्थों में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है और इन्हें अपने आहार में शामिल करके आप अपनी प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं, जिससे मांसपेशियों का विकास और शरीर की मरम्मत बेहतर तरीके से हो सके।

4. हाइड्रेशन:

पर्याप्त पानी पिएं।
नारियल पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स वाले ड्रिंक्स का सेवन करें।
ये खाद्य पदार्थ आपको मांसपेशियों की मरम्मत और एनर्जी रिस्टोर करने में मदद करेंगे।

टिप्पणियाँ

Popular post

हार्ट अटैक के कारण , लक्षण और बचाव के उपाय

हार्ट अटैक के कारण , लक्षण और बचाव के उपाय     हार्ट अटैक, जिसे तकनीकी रूप से मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (MI )कहा जाता है, एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है। यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियों में से कोई एक या अधिक अवरुद्ध हो जाती हैं। इस लेख में हम हार्ट अटैक के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। हार्ट अटैक के कारण हार्ट अटैक के कई कारण होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं: उच्च रक्तचाप : लंबे समय तक अनियंत्रित रक्तचाप हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना : धमनियों में वसा जमा होने से रक्त प्रवाह में रुकावट होती है। मोटापा : अधिक वजन से हृदय पर दबाव बढ़ता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान : धूम्रपान से धमनियों में सूजन और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह : अनियंत्रित शुगर लेवल हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है। तनाव : अत्यधिक तनाव से हृदय पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बैठे रहने की जीवनशैली : शारीरिक गतिविधि की कमी से हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न ह...

Yoga के 5 मुख्य प्रकार और उन्हें करने के तरीके

Yoga के 5 मुख्य प्रकार और उन्हें करने के तरीके  Yoga एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए की जाती है। योग में विभिन्न आसन, प्राणायाम (सांसों के व्यायाम), ध्यान और मुद्राएँ शामिल हैं। इसे करने के कई तरीके हैं, जो आपके अनुभव और जरूरतों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।  यहाँ Yoga के मुख्य प्रकार और उन्हें करने के तरीके दिए गए हैं: 1. हठ योग (Hatha Yoga) परिचय : हठ योग शारीरिक आसनों और प्राणायाम पर आधारित योग का एक प्रकार है। यह संतुलन, शक्ति और लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है। अभ्यास : ताड़ासन (Tadasana) : इस आसन में खड़े होकर शरीर को तानना होता है, जिससे रीढ़ की हड्डी सीधी होती है। भुजंगासन (Bhujangasana) : इस आसन में पेट के बल लेटकर शरीर को साँप की तरह ऊपर उठाना होता है। शवासन (Shavasana) : यह आसन आराम और शांति के लिए किया जाता है, जिसमें पीठ के बल लेटकर शरीर को पूर्णतया रिलैक्स किया जाता है। 2. विन्यास योग (Vinyasa Yoga) परिचय : विन्यास योग एक गतिशील और बहने वाला योग है, जिसमें एक आसन से दूसरे में बिना रुके और सांसों के साथ तालमेल बनाकर जाय...

सीताफल (Custard Apple) के पोषण मूल्य और इसके स्वास्थ्य लाभ के ये 5 फायदे

 सीताफल (Custard Apple) के पोषण मूल्य और इसके स्वास्थ्य लाभ सीताफल, जिसे हिंदी में शरीफा भी कहा जाता है, एक स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर फल है। यह अपनी मीठी स्वाद, क्रीमी टेक्सचर और अनोखे स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। यह फल मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है और सर्दियों के मौसम में आसानी से उपलब्ध होता है। सीताफल न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, पाचन में सुधार करता है और दिल को स्वस्थ रखता है। यदि आप एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाना चाहते हैं, तो सीताफल को अपनी डाइट में शामिल करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। सीताफल के पोषण तत्व सीताफल का नियमित सेवन शरीर को कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करता है। विटामिन सी: सीताफल विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। डायटरी फाइबर: इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है। पोटैशियम और मैग्नीशियम: ये खनिज हृदय को स्वस...

आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी की पूरी जानकारी

  आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में तकनीकी प्रगति के चलते अब आँखों के चश्मे से स्थायी रूप से छुटकारा पाया जा सकता है। आँखों के चश्मे हटाने की सर्जरी को मुख्य रूप से रिफ्रैक्टिव सर्जरी कहा जाता है, जिसका उद्देश्य आँखों की अपवर्तक त्रुटियों (refractive errors) जैसे निकट दृष्टि दोष (myopia), दूर दृष्टि दोष (hyperopia) और दृष्टि की अस्पष्टता (astigmatism) को ठीक करना है। इस प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति बिना चश्मे या कॉन्टेक्ट लेंस के भी स्पष्ट रूप से देख सकता है। चश्मा हटाने की प्रमुख सर्जिकल विधियाँ आँखों के चश्मे हटाने के लिए विभिन्न सर्जिकल विधियाँ उपलब्ध हैं। इनमें से सबसे सामान्य और लोकप्रिय विधियाँ हैं: 1. लेसिक सर्जरी (LASIK - Laser-Assisted in Situ Keratomileusis) : लेसिक सर्जरी सबसे अधिक प्रचलित और सफल विधि है। यह एक लेज़र तकनीक पर आधारित प्रक्रिया है जिसमें कॉर्निया (आँख की सतह) को पुनः आकार दिया जाता है ताकि आँख के अंदर प्रकाश सही रूप से अपवर्तित हो और व्यक्ति स्पष्ट रूप से देख सके। प्रक्रिया: सबसे पहले एक माइक्रोकेराटोम नामक यंत्र की मदद से कॉर्न...

घर पर भाप कैसे लें और भाप के फायदे

 घर पर भाप कैसे लें? भाप लेना एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह तरीका न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि यह शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों से भी बचाता है।   इसलिए, भाप लेने का सही तरीका अपनाना चाहिए और इसके फायदे उठाने चाहिए।  भाप लेने का सबसे सर्वश्रेष्ठ चरण और इसके फायदे: भाप लेने के सर्वश्रेष्ठ चरणः एक विस्तृत विवरण   चरण 1: तैयारी भाप लेने से पहले, आपको कुछ तैयारियां करनी होंगी। इनमें शामिल हैं: • एक बड़ा बर्तन लें और उसमें पानी भरें। • पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी का तेल या अजवाइन का तेल डालें। • बर्तन को गर्म करने के लिए एक गैस स्टोव या इलेक्ट्रिक केटल का उपयोग करें। चरण 2: भाप लेना जब पानी उबलने लगे, तो आप भाप लेना शुरू कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं: • अपने चेहरे को बर्तन के ऊपर रखें।  • भाप को अपने चेहरे पर लें। • 5-10 मिनट तक भाप लें। चरण 3: चेहरे की देखभाल भाप लेने के बाद, आपको अपने चेहरे की देखभाल करनी होगी। इनमें शामिल हैं: • अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। • एक मॉइस्चराइज़र लगाएं। • अपने चेहरे को...

किसी भी बीमारी में रक्त जांच रिपोर्ट का महत्व

  किसी भी बीमारी में रक्त जांच रिपोर्ट का महत्व रक्त परीक्षण (Blood Test) चिकित्सा विज्ञान का एक ऐसा आधार स्तंभ है, जिसके बिना किसी भी बीमारी का सटीक निदान, उपचार और निगरानी संभव नहीं। रक्त शरीर का दर्पण है, जिसमें हर छोटी-बड़ी बीमारी की छाया दिख जाती है। आज के समय में, चाहे मामूली बुखार हो या गंभीर कैंसर, हर रोग की पहचान और प्रबंधन में रक्त जांच की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। रक्त परीक्षण क्या है? रक्त परीक्षण एक प्रयोगशाला विश्लेषण है, जिसमें सुई या फिंगरप्रिक द्वारा रक्त का नमूना लेकर उसके विभिन्न घटकों की जाँच की जाती है। इससे शरीर के जैव-रासायनिक, शारीरिक और पैथोलॉजिकल स्थितियों का मूल्यांकन किया जाता है। रक्त जांच के प्रकार परीक्षण उद्देश्य पूर्ण रक्त गणना (CBC) एनीमिया, संक्रमण, रक्त विकार, ल्यूकेमिया, समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन ब्लड शुगर डायबिटीज, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर लिवर फंक्शन टेस्ट यकृत की सेहत, हेपेटाइटिस, सिरोसिस किडनी फंक्शन टेस्ट किडनी की कार्यक्षमता, किडनी फेल्योर थायरॉयड प्रोफाइल थायरॉयड विकार लिपिड प्रोफाइल कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग जोखिम ESR/CRP सूजन, संक्रमण, ऑटोइ...