डेंगू बुखार से बचाव के 5 तरीके
डेंगू बुखार एक मच्छर जनित वायरस है जो दुनिया भर में हर साल 390 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करता है। शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं लेकिन अगर इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाने वाला डेंगू वायरस एडीज मच्छर के काटने से होता है।
लक्षणों
मे तेज बुखार,
सिरदर्द,
आंखों में दर्द,
जोड़ों में दर्द,
कोमल मांसपेशियां
और पूरे शरीर पर चकत्ते शामिल हैं।
डेंगू के रोगियों में आमतौर पर सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या और प्लेटलेट की कमी पाई जाती है और ये लक्षण एक सप्ताह तक रह सकते हैं।
संक्रामक काल :
जिस दिन डेंगू वायरस से संक्रमित कोई मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके लगभग 3-5 दिनों बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह संक्रामक काल 3-10 दिनों तक भी हो सकता है।
डेंगू से बचाव हेतु सावधानियां
1)डेंगू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका मच्छर के काटने से बचना है, क्योंकि इस वायरल से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
2) डेंगू के मच्छर सूर्यास्त और सूर्योदय से पहले सक्रिय होते हैं। खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद रखकर सुरक्षित रहें।
3) DEET की 10 प्रतिशत सांद्रता वाले मच्छर निरोधक चुनें।
4) परफ्यूम और सुगंधित साबुन सीमित करें जो मच्छरों को आकर्षित कर सकते हैं।
5) मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने आस-पास साफ़-सफ़ाई रखें।
इलाज:
बुखार कम करने और शरीर के दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर मरीज को दवा दे सकते हैं। चूंकि डेंगू प्लेटलेट काउंट को कम कर देता है, इसलिए आपको प्राकृतिक उपचार के रूप में पपीते के पत्ते का रस पीने की सलाह दी जा सकती है।
पपीते की पत्ती के रस का अर्क अब गोलियों और कैप्सूल के रूप में भी उपलब्ध है। निर्जलीकरण से बचने के लिए खूब पानी पियें।
पर्याप्त आराम करें, विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों से दूर रहें क्योंकि वे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
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