सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अप्रैल, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चक्कर के कारण, लक्षण और उपचार

चक्कर के कारण, लक्षण और उपचार  चक्कर आना एक आम समस्या है जिसमें व्यक्ति को लगता है कि वह या उसके आसपास की चीजें घूम रही हैं। यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं, और इसका इलाज करने के लिए इन कारणों को समझना बहुत जरूरी है। चक्कर आने के कारण चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं: भीतरी कान की समस्याएं : भीतरी कान में संतुलन को नियंत्रित करने वाली प्रणाली होती है, जिसमें समस्याएं आने से चक्कर आ सकता है। बीपीपीवी, मेनिएर रोग और लैबिरिंथाइटिस जैसी समस्याएं शामिल हैं। माइग्रेनः माइग्रेन की बीमारी चक्कर आने का एक आम कारण है। माइग्रेन के दौरान व्यक्ति को तेज सिरदर्द, मतली और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दवाएं और अल्कोहलः कुछ दवाएं और अल्कोहल का सेवन चक्कर आने का कारण बन सकता है। गर्भावस्थाः गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना एक आम समस्या है, खासकर पहले ट्राइमेस्टर में। स्लीप एप्नियाः स्लीप एप्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को नींद के दौरान सांस लेने में समस्या होती है, जिससे चक्कर आ सकता है। नींद की कमी...

मधुमेह और उच्च रक्तचाप के लिए जीवनशैली में बदलाव

  मधुमेह और उच्च रक्तचाप के लिए जीवनशैली में बदलाव             मधुमेह और उच्च रक्तचाप दो ऐसी बीमारियाँ हैं जो हमारे जीवनशैली के कारण होती हैं। इन दोनों बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना बहुत जरूरी है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, वजन प्रबंधन और तनाव प्रबंधन जैसे जीवनशैली में बदलाव करके मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित जांच, धूम्रपान और शराब से बचना और पर्याप्त नींद लेना भी इन दोनों बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस लेख में, हम आपको मधुमेह और उच्च रक्तचाप के लिए जीवनशैली में बदलाव के बारे में विस्तार से बताएंगे। मधुमेह के लिए जीवनशैली में बदलाव             मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में इंसुलिन की कमी या इंसुलिन का सही से उपयोग न होने के कारण रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना बहुत जरूरी है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं: 1. स्वस्थ आहार : मधुमेह के रोगियों को स्वस्थ आहार लेना चाहिए जिसमें फल,...

कब न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाता चाहिए

  कब  न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाता चाहिए न्यूरोलॉजिस्ट मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों से जुड़ी बीमारियों का विशेषज्ञ होता है। जब कोई व्यक्ति सिरदर्द, चक्कर, कमजोरी, झटके, याददाश्त की समस्या, दौरे या अन्य तंत्रिका संबंधी लक्षण महसूस करता है, तो वह न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लेने जाता है। न्यूरोलॉजिस्ट की जांच और उपचार से मरीज की तंत्रिका तंत्र की समस्या का निदान और सही इलाज संभव होता है। न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाने की वजहें बार-बार सिरदर्द या माइग्रेन अचानक कमजोरी या सुन्नता दौरे पड़ना (Epilepsy) याददाश्त कमजोर होना या मानसिक भ्रम चलने-फिरने में समस्या हाथ-पैरों में झुनझुनी या दर्द मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन नींद की समस्या या चक्कर आना न्यूरोलॉजिस्ट की जांच प्रक्रिया मरीज का इतिहास लेना (History Taking): डॉक्टर मरीज से उसके लक्षण, बीमारी की शुरुआत, लक्षणों की तीव्रता, परिवार में कोई न्यूरोलॉजिकल बीमारी आदि के बारे में पूछता है। शारीरिक और तंत्रिका परीक्षा (Neurological Examination): इसमें डॉक्टर मांसपेशियों की ताकत, रिफ्लेक्स, संतुलन, समन्वय, संवेदना, और मस्ति...

डिहाइड्रेशन के प्रमुख 5 कारण और डिहाइड्रेशन से बचाव के 5 उपाय

डिहाइड्रेशन के प्रमुख 5 कारण और डिहाइड्रेशन से बचाव के 5 उपाय मानव शरीर का लगभग 60% हिस्सा पानी होता है और यह शरीर की सभी प्रमुख क्रियाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है। जब शरीर को आवश्यक मात्रा में पानी नहीं मिलता या शरीर से अत्यधिक पानी बाहर निकल जाता है, तो यह स्थिति "डिहाइड्रेशन" या "निर्जलीकरण" कहलाती है। यह स्थिति हल्की से लेकर गंभीर रूप तक हो सकती है और यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। इस लेख में हम डिहाइड्रेशन के कारणों, लक्षणों, परिणामों और इससे बचाव तथा उपचार के उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।   डिहाइड्रेशन के प्रमुख  5 कारण 1. पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना बहुत से लोग दिन भर की व्यस्तता के कारण पानी पीना भूल जाते हैं या प्यास लगने पर ही पानी पीते हैं। यह आदत धीरे-धीरे शरीर में पानी की कमी का कारण बन सकती है। समाधान: दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें। मोबाइल रिमाइंडर या ऐप्स की मदद से नियमित अंतराल पर पानी पीने की याद दिलाएं। सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी पिएं। 2. अत्यधिक पसीना आना गर्मियों में या किसी भारी ...

पैंक्रियाटाइटिस: कारण, लक्षण और उपचार

  पैंक्रियाटाइटिस: कारण, लक्षण और उपचार पैंक्रियाटाइटिस अग्न्याशय (पैंक्रियाज) की सूजन को कहते हैं, जो पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के पाचन में मदद करने वाले एंजाइम्स का उत्पादन करता है। साथ ही, यह इंसुलिन और ग्लूकागन जैसे हार्मोन्स बनाता है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करते हैं। पैंक्रियाटाइटिस दो प्रकार का होता है:  एक्यूट  (अचानक और अल्पकालिक) और  क्रॉनिक  (दीर्घकालिक और प्रगतिशील)। पैंक्रियाटाइटिस के प्रमुख कारण 1. पित्ताशय की पथरी (Gallstones): 40-70% एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस के मामलों में पित्ताशय की पथरी मुख्य कारण होती है। यह पैंक्रियाटिक डक्ट को अवरुद्ध करती है, जिससे पाचक एंजाइम्स अग्न्याशय में ही सक्रिय होकर ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं। 2. शराब का अत्यधिक सेवन: लंबे समय तक शराब पीने से अग्न्याशय की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं, जो क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का प्रमुख कारण है। हफ्ते में 4-5 ड्रिंक्स भी जोखिम बढ़ा सकती हैं। 3. हाई ट्राइग्लिसराइड्स: रक्त में वसा का स्तर 500 mg/dL से अधिक होने पर अग्न्याशय की रक्त वाह...